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कोरिया जिले में पहली बार ईडी की दस्तक। सीईओ राधेश्याम मिर्झा को दस घंटे की पूछताछ के बाद किया गिरफ्तार।

कोरिया जिले में पहली बार ईडी की दस्तक। सीईओ राधेश्याम मिर्झा को दस घंटे की पूछताछ के बाद किया गिरफ्तार।

कोरिया जिले में पहली बार ईडी की दस्तक।

सीईओ राधेश्याम मिर्झा को दस घंटे की पूछताछ के बाद किया गिरफ्तार।

सोनहत व बैकुंठपुर के पूर्व सीईओ व वर्तमान में सूरजपुर जिले के प्रतापपुर में स्थानांतरित राधेश्याम मिर्झा को ईडी की टीम ने शुक्रवार को लगभग दस घंटे की लंबी पूछताछ के बाद अपनी कस्टडी में लेकर रायपुर की ओर रवाना हो गई, माना जा रहा है कि साहब के मँहगे शौक ही उन्हें ले डूबे, हालांकि सीईओ की गिरफ्तारी को लेकर ईडी ने किसी भी प्रकार का जवाब नहीं दिया। लेकिन दिनभर चली कार्यवाही को लेकर शहर में दिन भर हड़कंप मचा रहा और चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। जानकारी के अनुसार कोरिया जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर में पहली बार ईडी की दबिश पड़ी, दो आर्टिका कार में आये ईडी के अफसर और सीआरपीएफ के जवानों ने 2 घंटे तो सिर्फ सीईओ की खोजबीन की, सुबह 7 बजे उन्हें जल संसाधन विभाग में आराम करते पाया गया, उसके बाद ईडी ने पूछताछ शुरू की जो लगभग 10 घंटे चली ।सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मामला कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा में उनके कार्यकाल का बताया गया है। जानकारी के मुताबिक, राधेश्याम मिर्झा पिछले 7 महीने से बैकुंठपुर जनपद पंचायत सी ई ओ थे।

 

हाल में ही उनका तबादला सूरजपुर की प्रतापपुर जनपद पंचायत किया गया है।

हालांकि उन्होंने अभी जॉइन नहीं किया है। बैकुंठपुर से पहले वे सोनहत जनपद पंचायत के सी ई ओ

सीईओ नें नही दिया कोई जवाब

सीईओ को कस्टडी में लेकर जा रहे ईडी अधिकारियों से सीईओ को गिरफ्तार करने पर सवाल किया गया परंतु उन्होंने किसी भी प्रकार का कोई जवाब नही दिया इससे पहले कोरिया में पहली बार हुई ईडी की कार्यवाही को लेकर शहर में दिन भर चर्चा का विषय बना रहा।

ईडी के अधिकारियों ने छापे को लेकर कुछ भी बताने से इनकार कर दिया है। राधेश्याम मिर्झा कांग्रेस शासनकाल में प्रभावशाली अधिकारी रहे हैं। कोरबा जिले की जनपद पंचायत पोड़ी-उपरोड़ा में वे लगातार तीन साल तक रहे। यह राज्य की सबसे बड़ी जनपद पंचायत है, जहां 146 ग्राम पंचायतें हैं। पोड़ी-उपरोड़ा जनपद पंचायत में डीएमफ का काम उनके कार्यकाल में बड़े पैमाने पर हुआ है था। बताया जा रहा है कि डीएमफ फंड में अनियमितता को लेकर ये कार्रवाई हो सकती है। हालांकि पुख्ता तौर पर छापे की वजह सामने नहीं आई है। सीईओ राधेश्याम मिर्जा का मूल पद मंडल संयोजक का है फिर भी वे 2 दर्जनों Siva अधिक लग्जरी गाड़ियों के मालिक हैं। रसूखदार होने के साथ ही वसूली को लेकर वे विवादों में रहे हैं।

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